Monday, January 13, 2014

दबी हुई साँसों में.............


दबी हुई साँसों में अब सिहरन सी होती है
ये कौन सी राहें हैं जिनमे अड़चन सी होती है

गुज़र रही है ज़िन्दगी जैसे दिन गुज़र रहा है
बाकी सारी यादें तो अब बचपन सी होती हैं

कहाँ होते है नए ख्वाब? कहाँ होती है नई बात?
मेरी तमन्ना तो अब पुरानी उतरन सी होती है

मेरा अक्स भी न जाने कहाँ भटक रहा है
उसकी मौजूदगी अब टूटे हुए दरपन (दर्पण) सी होती है

बहुत सारे शोर के बाद थोड़ी ख़ामोशी ठहरी थी
अगले ही पल कोई आवाज़ टूटे हुए बर्तन सी होती है

मुझसे नहीं सुलझते हैं ये शिकायती मसले आजकल
बस मन के बसेरे में एक उलझन सी होती है

कई शामियानों,कई चादरों,कई पर्दों से शहर ढक गया
मेरे हिस्से में तो एक पुरानी कतरन सी होती है

बेवजह जीना भी तो मुनासिब नहीं रह गया है
ज़िन्दगी भी अब देखो टूटी धड़कन सी होती है

वैसे तो मौत आने में शायद अभी वक़्त है
मगर जीने की आरज़ू भी तो जबरन सी होती है


राजेश बलूनी 'प्रतिबिम्ब'

Tuesday, January 7, 2014

जंजाल


पता नहीं कैसे ये लम्हा भी संभल रहा है
हर कदम पर देखो जैसे इस तरह बदल रहा है

ये हालात हैं ज़िन्दगी के या रास्तों की ठोकरें
कि हाथ कुछ आता नहीं और मंज़र निकल रहा है

रेंगती सी ज़िन्दगी है , कुछ नया नहीं हो रहा
जो भी है , जैसा भी है, वैसा ही अब चल रहा है

फलक पर उड़ने को तो उड़ ही जातें है मगर
ज़मीं पर रहने वाला अब तो कंकड़ बन रहा है

वक़्त से जीता हैं कौन ? हारे हैं इस से सब
देखो तो हर एक नज़र में हाथ से फिसल रहा है

किस तरह में अपने मौसम में नयी खुशबू बिखेरूँ
फूल का ये एक बगीचा काँटों में बदल रहा है

सदियों से भी दिल को देखो,  है यहीं मंडरा रहा
ख्वाहिशें तो मर चुकी है फिर भी ये उछल रहा है

गर्दिशों का साथ है और बंदिशों की फेहरिस्त भी
तभी तो ये मेरा चेहरा अंधेरों में जल रहा है

मैं कहीं भी हूँ मगर इतना मुझको है यकीं
कि दर्द का ये सख्त,मंज़र मुझमे कितना मिल रहा है

एक अधूरी बात है कि परेशानी भी ग़ज़ब है
साथ भी नहीं छोड़ती और लम्हा भी बिछड़ रहा है

ज़बरदस्ती की शिकायत, शिकवों का जंजाल है क्या?
यही है जो मेरे दिल में हर कहीं पर घुल रहा है

राजेश बलूनी 'प्रतिबिम्ब'

  

मेरी सुबह को लोग रतिया समझते हैं ....

मेरी सुबह को लोग रतिया समझते हैं  पेड़ की शाखो को वो बगिया समझते हैं  कद्र कोई करता नहीं गजलों की यारों  सब खिल्ली उड़ाने का जरिया समझते हैं...