पुलवामा में शहीद हुए वीर सैनिकों को समर्पित....
भाग -1
आज बदहवास सी फ़िज़ाएं हो रही है
मेरे शहर मे कितनी माएँ रो रही है
बड़े जोश से वतन का झंडा लिए जा रहे थे
आज उनकी शहादत पर दुनिया रो रही है
वो बुज़दिलों के हाथों से मारे गये इस कदर
कि सड़क भी अपने को खून से धो रही है
इन जवानों की लाशों मे वतनपरस्ती की खुशबू है
जो गद्दारों के सीने को चुभो रही है
आज इस कदर आँखे छलछला गयी
कि ग़म की नदी मे सबको डुबो रही है
मेरी नसों मे गुस्से का उबाल है
वो दहशत के दरिंदों को खोज रही है
अब नफ़रतों के सौदागरों के लिए
मेरी वतन की फ़ौजें तैयार हो रही हैं
तेरे धोखे का ए पाकिस्तान माकूल जवाब मिलेगा
अभी तो यहाँ पर हवायें लाशें ढो रही हैं
हर हिंदुस्तानी सरहद पर जाने को आमादा है
हर आँख तेरे खात्मे की बाट जोह रही हैं
भाग -2
ओ बुज़दिल और मक्कार पाकिस्तान-------------------------
ये मत समझना कि हम चुप बैठ जाएँगे
तेरे सीने पर इतने खंज़र चलाएँगे
कि तू भी अपनी किस्मत को कोसेगा
अपने ही हाथों से अपनी कब्र खोदेगा
ये जवान हमारे हिंद की शान है
इनके खून का हर एक कतरा देश का सम्मान है
तेरे जेहादी इरादों को बर्बाद करेंगे
तुझे मुफ़लिसी मे धकेल कर वार करेंगे
तेरी हैसियत तो एक झूठे शैतान की तरह है
तेरा नामो-निशान मिटेगा, तू ही इसकी वजह है
तेरी मक्कारी के खेल की अब चिता जलेगी
पूरी दुनिया मे तुझे छुपने की जगह नहीं मिलेगी
याद रखना कि हमारा खून अभी सूखा नहीं
दिल दुखी है ,उदास है, मगर हौसला टूटा नहीं
मत सोचना कि हम कदम पीछे हटाएंगे
तेरे हर एक आतंकियों का सिर धड़ से गिराएँगे
अभी तो अपने जवानों ने दी अपनी बलि है
इन महान शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि है
तू ना अब सो पाएगा,कि हराम तेरी नींद करेंगे
अब कराची से लाहौर तक हम जय हिंद जय हिंद करेंगे
- राजेश बलूनी ‘प्रतिबिंब’
आज बदहवास सी फ़िज़ाएं हो रही है
मेरे शहर मे कितनी माएँ रो रही है
बड़े जोश से वतन का झंडा लिए जा रहे थे
आज उनकी शहादत पर दुनिया रो रही है
वो बुज़दिलों के हाथों से मारे गये इस कदर
कि सड़क भी अपने को खून से धो रही है
इन जवानों की लाशों मे वतनपरस्ती की खुशबू है
जो गद्दारों के सीने को चुभो रही है
आज इस कदर आँखे छलछला गयी
कि ग़म की नदी मे सबको डुबो रही है
मेरी नसों मे गुस्से का उबाल है
वो दहशत के दरिंदों को खोज रही है
अब नफ़रतों के सौदागरों के लिए
मेरी वतन की फ़ौजें तैयार हो रही हैं
तेरे धोखे का ए पाकिस्तान माकूल जवाब मिलेगा
अभी तो यहाँ पर हवायें लाशें ढो रही हैं
हर हिंदुस्तानी सरहद पर जाने को आमादा है
हर आँख तेरे खात्मे की बाट जोह रही हैं
भाग -2
ओ बुज़दिल और मक्कार पाकिस्तान-------------------------
ये मत समझना कि हम चुप बैठ जाएँगे
तेरे सीने पर इतने खंज़र चलाएँगे
कि तू भी अपनी किस्मत को कोसेगा
अपने ही हाथों से अपनी कब्र खोदेगा
ये जवान हमारे हिंद की शान है
इनके खून का हर एक कतरा देश का सम्मान है
तेरे जेहादी इरादों को बर्बाद करेंगे
तुझे मुफ़लिसी मे धकेल कर वार करेंगे
तेरी हैसियत तो एक झूठे शैतान की तरह है
तेरा नामो-निशान मिटेगा, तू ही इसकी वजह है
तेरी मक्कारी के खेल की अब चिता जलेगी
पूरी दुनिया मे तुझे छुपने की जगह नहीं मिलेगी
याद रखना कि हमारा खून अभी सूखा नहीं
दिल दुखी है ,उदास है, मगर हौसला टूटा नहीं
मत सोचना कि हम कदम पीछे हटाएंगे
तेरे हर एक आतंकियों का सिर धड़ से गिराएँगे
अभी तो अपने जवानों ने दी अपनी बलि है
इन महान शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि है
तू ना अब सो पाएगा,कि हराम तेरी नींद करेंगे
अब कराची से लाहौर तक हम जय हिंद जय हिंद करेंगे
- राजेश बलूनी ‘प्रतिबिंब’
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