मेरे दोस्तों



चलो मिलकर एक नयी दुनिया बनाएँ दोस्तों
गमों और तकलीफ़ों को साथ सुलझाएँ दोस्तों

मुझे खबर है की सभी मसरूफ़ है अपनी ज़िंदगी मे
फिर भी एक दूसरे के लिए वक़्त निकालें दोस्तों

यादों के घर तो हमारे पास हैं ही
अब ज़रा खुशियों के झरोखे बनाएँ दोस्तों

आईने मे अपनी सूरतें बहुत देख चुके हैं
अब एक दूसरे की आँखों को चेहरा दिखाएँ दोस्तों

बहुत साल हो गये  की मैं सही से हंसा नहीं
चलो एक दूसरे की खिल्ली उड़ाएँ दोस्तों

सोचता हूँ वो दिन ही अच्छे थे हमारे
चलो उस दौर मे दोबारा जाएँ दोस्तों

हम सब मिले तो  नयी उम्मीद और नयी सुबह बनी
चलो अब साथ चलकर नया शहर बनाएँ दोस्तों

आज मिलें हैं कल भी मिलेंगे ये  ठान लो तुम सभी
इस वाकये को हमेशा दोहरायें दोस्तों

हँसी, तिठोली, मज़ाक, मस्ती  अनबन और यारी कुछ कम हो चली थी
ज़रा अब इन सिलसिलो आगे बढ़ाएँ दोस्तों

आस है कि हम सब हमेशा खुशी से साथ चलेंगे
इस सोच के साथ ज़िंदगी आगे बढ़ाएँ दोस्तों

राजेश बलूनी 'प्रतिबिंब'

Comments

Popular posts from this blog

खाली पन्ना

अब रंज नहीं किसी मसले का ......

नया सवेरा